Deoghar

Jan 23 2024, 11:30

सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर विशेषःआज भी बरकरार है नेताजी की मौत का रहस्य, क्या गुमनामी बाबा ही थे नेताजी?


क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस और गुमनामी बाबा एक ही शख्स थे? क्या नेताजी ने ही गुमनामी बाबा बनकर अपनी ज़िंदगी के आखिरी वक्त फैजाबाद में गुमनाम ज़िंदगी के तौर पर गुज़ारी थी? ऐसे कई सवाल है जिनपर अभी भी पर्दा पड़ा है, जिनके जवाब आज दशकों बाद भी तलाशे जा रहे हैं।नेताजी की मौत का रहस्य अब भी बरकरार है।

नेताजी को लेकर दावे

क्या नेताजी की मौत 1945 में प्लेन क्रैश में ही हुई थी? इसको लेकर देश विदेश में लगातार खोज चल रही है। कई लोगों का मानना था कि नेताजी जी की मौत प्लेन क्रैश में नहीं हुई। नेताजी गुमनामी बाबा के नाम से यूपी में 1985 तक रह रहे थे। नेताजी पर रिसर्च करने वाले बड़े-बड़े विद्वानों का मानना है कि गुमनामी बाबा ही नेताजी सुभाषचंद्र बोस थे।

ना तो मृत्यु का प्रमाण, ना ही कोई तस्वीर

दरअसल गुमनामी बाबा की मौत से पहले उनकी ज़िंदगी एक तरह से गुमनाम सी ही थी। गुमनामी बाबा बेहद रहस्यमयी तरीके से रहा करते थे।आम लोग उनका चेहरा तक नहीं देख पाते थे। थोड़े-थोड़े वक्त पर किराए का घर बदलते रहते थे।यहां तक कि उनके निजी सेवक भी हर कुछ महीने में बदल जाते थे। यहां तक तो तब भी ठीक था,लेकिन शक और सवाल उठने लगे गुमनामी बाबा की मौत के दो दिन बाद।

गुमनामी बाबा आखिरकार 1983 में फैजाबाद में राम भवन के एक आउट-हाउस में बस गए, जहां कथित तौर पर 16 सितंबर, 1985 को उनका निधन हो गया और 18 सितंबर को दो दिन बाद उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।अजीब बात है, इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि वास्तव में उनका निधन हुआ है। शव यात्रा के दौरान कोई मृत्यु प्रमाण पत्र, शव की तस्वीर या उपस्थित लोगों की कोई तस्वीर नहीं है। कोई श्मशान प्रमाण पत्र भी नहीं है।वास्तव में, गुमनामी बाबा के निधन के बारे में लोगों को पता नहीं था, उनके निधन के 42 दिन बाद लोगों को ये पता चला। उनका जीवन और मृत्यु, दोनों रहस्य में डूबा रहा पर कोई नहीं जानता कि क्यों।

विष्णु सहाय आयोग गुमनामी बाब की पहचान नहीं कर सकी

गुमनामी बाबा के विश्वासियों ने 2010 में अदालत का रुख किया था और उच्च न्यायालय ने उनका पक्ष लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को गुमनामी बाबा की पहचान स्थापित करने का निर्देश दिया गया था। तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद गुमनामी बाबा की जांच रिपोर्ट के लिए जस्टिस विष्णु सहाय आयोग का गठन 2016 में किया। तीन साल बाद जस्टिस विष्णु सहाय आयोग ने अपनी रिपोर्ट यूपी विधानसभा में पेश की। रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘गुमनामी बाबा’ नेताजी के अनुयायी थे, लेकिन नेताजी नहीं थे। इस रिपोर्ट को यूपी सरकार ने स्वीकार कर लिया है। 

इस रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए लिखा है, 'आयोग द्वारा गुमनामी बाबा उर्फ भगवान जी की पहचान नहीं की जा सकी। गुमनामी बाबा के बारे में आयोग ने कुछ अनुमान लगाए हैं। जैसे गुमनामी बाबा बंगाली थे, गुमनामी बाबा बंगाली, अंग्रेजी और हिंदी भाषा के जानकार थे। गुमनामी बाबा के राम भवन से बंगाली, अंग्रेजी और हिन्दी में अनेक विषयों की पुस्तकें प्राप्त हुई हैं। गुमनामी बाबा के स्वर में नेताजी सुभाषचंद्र बोस के स्वर जैसा प्राधिकार का भाव था। गुमनामी बाबा नेताजी सुभाषचंद्र बोस के अनुयायी थे। 

गुमनामी बाबा की मौत के बाद उनके नेताजी होने की बात फैली

कहते हैं जब गुमनामी बाबा की मौत के बाद उनके नेताजी होने की बातें फैलने लगीं तो नेताजी की भतीजी ललिता बोस कोलकाता से फैजाबाद आईं। फरवरी 1986 में, नेताजी की भतीजी ललिता बोस गुमनामी बाबा के कमरे में मिली वस्तुओं की पहचान करने के लिए फैजाबाद आई। पहली नजर में, वह अभिभूत हो गईं और यहां तक कि उन्होंने नेताजी के परिवार की कुछ वस्तुओं की पहचान की।

जो सामान गुमनामी बाबा के पास से मिला था।उसमें कोलकाता में हर साल 23 जनवरी को मनाए जाने वाले नेताजी के जन्मोत्सव की तस्वीरें थी।लीला रॉय की मौत पर हुई शोक सभाओं की तस्वीरें थी। नेताजी की तरह के दर्जनों गोल चश्मे थे। 555 सिगरेट और विदेशी शराब थी। सुभाष चंद्र बोस के माता-पिता और परिवार की निजी तस्वीरें भी थी। एक रोलेक्स की जेब घड़ी थी और आज़ाद हिंद फ़ौज की एक यूनिफॉर्म थी।सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु की जांच के लिए बने शाहनवाज़ और खोसला आयोग की रिपोर्टें,सैकड़ों टेलीग्राम और पत्र आदि जिन्हें भगवनजी के नाम पर संबोधित किया गया था।

मुखर्जी आयोग भी रहा नाकाम

यही नहीं हाथ से बने हुए उस जगह के नक़्शे भी बरामद हुए थे, जहां नेताजी का विमान क्रैश हुआ था। गुमनामी बाबा की मौत के बाद सामान के साथ कुछ ऐसी बातें भी बाहर आईं जिनको लेकर लोगों को यकीन सा होने लगा था कि गुमनामी बाबा ही नेता जी थे। इसके बाद गुमनामी बाबा के ही नेताजी होने की जांच के लिए कई जगह प्रदर्शन हुए।इस मामले की जांच के लिए मुखर्जी आयोग का गठन किया गया। हालांकि ये साबित नहीं हो पाया कि गुमनामी बाबा ही नेता जी थे।

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Jan 22 2024, 15:05

अयोध्या धाम में श्रीरामललाजी की प्राण प्रतिष्ठा की पावन बेला में आज झारखंड के 51 हजार मंदिरों में हो रही है पूजा

रांची: श्रीरामजन्मभूमि अयोध्या धाम में श्रीरामललाजी की प्राण प्रतिष्ठा की पावन बेला में रांची सहित पूरे प्रदेश में 51000 मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान, महाआरती, महाप्रसाद वितरण एवं दीपोत्सव का कार्यक्रम होगा. 

विश्व हिंदू परिषद के प्रांत मंत्री डॉ बिरेन्द्र साहु ने बताया कि धार्मिक अनुष्ठान के लिए सुबह 11 बजे रांची में विश्व हिंदू परिषद के प्रांत उपाध्यक्ष गंगा प्रसाद यादव निवारणपुर तपोवन मंदिर, प्रांत उपाध्यक्ष चंद्रकांत रायपत धुर्वा श्री जगन्नाथ मंदिर, प्रांत संगठन मंत्री देवी सिंह हिनू चौक हनुमान मंदिर, प्रांत उपाध्यक्ष सुनील गुप्ता मेडिकल चौक दुर्गा मंदिर, प्रांत मंत्री डॉ बिरेन्द्र साहु बड़ागांई चौक श्री हनुमान मंदिर, प्रांत सहमंत्री रंगनाथ महतो इटकी रोड शिव मंदिर, प्रांत सामाजिक समरसता प्रमुख मिथिलेश्वर मिश्र हटिया चौक हनुमान मंदिर, प्रचार प्रसार प्रांत सहप्रमुख प्रकाश रंजन चुटिया श्री राम मंदिर, गोरक्षा प्रांत उपाध्यक्ष गिरजा शंकर पांडेय कांके चौक हनुमान मंदिर, रांची विभाग मंत्री किशुन झा साकेत नगर हिनू हनुमान मंदिर, बजरंग दल के पूर्व प्रांत संयोजक राजकिशोर बरियातू स्टॉफ क्वार्टर शिव मंदिर, बजरंग दल रांची विभाग संयोजक प्रिंस आजमनी मेन रोड संकट मोचन मंदिर, रांची विभाग सेवा प्रमुख रवि शंकर राय विहिप कार्यालय दुर्गा मंदिर, रांची महानगर अध्यक्ष कैलाश केसरी चुटिया राम मंदिर,रांची महानगर मंत्री हिनू शिवपुरी महादेव मंदिर, महानगर उपाध्यक्ष गोपाल पारीक चैती दुर्गा पूजा मंदिर भुतहा तालाब, महानगर उपाध्यक्षा डॉ ज्योतिका श्रीवास्तव लालपुर चौक मंदिर, बजरंग दल रांची महानगर संयोजक अंकित सिंह तुपुदाना हनुमान मंदिर, बजरंग दल रांची महानगर सहसंयोजक दीपक साहु बड़ागांई श्री श्री पंचदेव मंदिर सहित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ परिवार के सभी अनुषांगिक संगठनों, धार्मिक संगठनों, सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्र के मंदिरों में उपस्थित रहेंगे. 

बड़गाईं चौक के श्री हनुमान मंदिर में प्रातः 8 बजे पूजन-अर्चन करके सुंदरकांड का पाठ प्रारंभ करेंगे. 11 बड़गाईं श्री पंचदेव मंदिर, 11:45 बजे बड़ा तालाब दुर्गा मंदिर, एवं 12:30 बजे महावीर चौक स्थित हनुमान मंदिर सहित अन्य मंदिरों के कार्यक्रम में शामिल होंगे.

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Jan 22 2024, 15:04

सदियों की प्रतिक्षा के बाद हमारे राम आ गए, प्राण प्रतिष्ठा के बाद बोले पीएम मोदी


अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पूरी हो गई है। इसी के साथ रामभक्तों का 500 साल का लंबा इंतजार खत्म हो गया है।रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी ने समारोह में मौजूद लोगों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि सदियों के इंतजार के बाद हमारे प्रभु राम आ गए हैं। वो अब टेंट में नहीं रहेंगे। वो भव्य मंदिर में रहेंगे।पीएम मोदी ने कहा कि गर्भगृह में साक्षी बनकर आपके सामने खड़ा हूं। ये क्षण आलौकिक है। उन्होंने कहा कि ये क्षण पवित्र है। प्रभु राम का हम सबपर आर्शीवाद है।

पीएम मोदी ने कहा कि यह सामान्य समय नहीं है। यह काल के चक्र पर सर्वकालिक स्याही से अंकित हो रही अमिट स्मृति रेखाएं हैं। साथियों हम सब जानते हैं कि जहां राम का काम होता है, वहां पवनपुत्र हनुमान अवश्य विराजमान होते हैं। मैं रामभक्त हनुमान को प्रणाम करता हूं। मैं माता जानकी, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न को प्रणाम करता हूं। मैं सबको प्रणाम करता हूं। मैं इस पल दैवीय अनुभव कर रहा हूं। वे दिव्य आत्माएं, वे दैवीय विभूतियां भी हमारे आसपास उपस्थित हैं। मैं इन सबको नमन करता हूं। मैं प्रभु श्रीराम से क्षमा याचना भी करता हूं। हमारे पुरुषार्थ, हमारे त्याग और तपस्या में कुछ तो कमी रह गई होगी कि हम इतनी सदियों तक यह कार्य नहीं कर पाए।

हजार साल बाद भी लोग आज की इस तारीख की चर्चा करेंगे-पीएम मोदी

अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज से हजार साल बाद भी लोग आज की इस तारीख की, आज के इस पल की चर्चा करेंगे। ये कितनी बड़ी राम कृपा है कि हम सब इस पल को जी रहे हैं और इसे साक्षात घटित होते देख रहे हैं। मैं आज प्रभु श्री राम से क्षमा याचना भी करता हूं। हमारे पुरुषार्थ, त्याग, तपस्या में कुछ तो कमी रह गई होगी कि हम इतनी सदियों तक यह कार्य कर नहीं पाए। आज वह कमी पूरी हुई है। मुझे विश्वास है कि प्रभु श्री राम आज हमें अवश्य क्षमा करेंगे।

अयोध्या और देशवासियों ने सैकड़ों वर्षों का वियोग सहा-पीएम मोदी

लंबे वियोग से आई आपत्ति का अंत हो गया। त्रेता युग में तो वह वियोग केवल 14 वर्षों का था, तब भी इतना असह्य था। इस युग में तो अयोध्या और देशवासियों ने सैकड़ों वर्षों का वियोग सहा है। हमारी कई-कई पीढ़ियों ने वियोग सहा है। भारत के तो संविधान की पहली प्रति में भगवान राम विराजमान है। संविधान के अस्तित्व में आने के बाद भी दशकों तक प्रभु राम के अस्तित्व को लेकर कानूनी लड़ाई चली। मैं भारत की न्यायपालिका का आभार व्यक्त करूंगा, जिसने न्याय की लाज रख ली। न्याय के पर्याय प्रभु राम का मंदिर भी न्यायबद्ध तरीके से ही बना।

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Jan 22 2024, 15:02

जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी डॉ उमाकांतानंद सरस्वती ने कहा,ना दुश्मनों की निन्दा और गुनी से बैर ठीक नही


रांची: हरिद्वार धाम से पधारे श्री श्री 1008 जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी डॉ उमाकांतानंद सरस्वती जी महाराज के पावन सानिध्य में अयोध्या में श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर झारखंड की राजधानी रांची के हरमू मैदान में श्री राम कथा का आयोजन किया गया. 

स्वामी उमाकांतानंद जी महाराज ने देवराज के पुत्र जयंत व नारद जी के वृतांत पर चर्चा कर कथा के मर्मज्ञ को समझाया. उन्होंने कहा कि दुश्मन की निंदा कभी नहीं करें और गुणी व्यक्ति से बैर नहीं करें. प्रवक्ता प्रमोद सारस्वत ने बताया कि 22 जनवरी को हरमू मैदान में हवन व भंडारा का आयोजन किया गया है.

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Dec 09 2023, 14:41

देवघर: आज झारखंड सीएम पहुंचे बाबा बैद्यनाथ धाम , किया भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक


(झारखंड डेस्क)

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन देवघर पहुंचे जहां उन्होंने बाबा बैद्यनाथ मंदिर में जाकर वैदिक मंत्रोचार के बीच विधि-विधान से भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया।

 इस दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने राज्य की उन्नति, अमन -चैन, सुख- शांति-समृद्धि और राज्यवासियों की खुशहाली और उत्तम स्वास्थ्य की कामना की।

वे अपने दो दिवसीय देवघर दौरे के दूसरे दिन बाबा मंदिर में भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना की। सीएम का मंदिर प्रशासन और तीर्थ पुरोहित समाज द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया।

मुख्यमंत्री के साथ कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, झारखंड सरकार के सचिव एवं पार्टी के नेता मौजूद थे। मंदिर परिसर में पुरोहित समाज द्वारा मुख्यमंत्री को सम्मानित भी किया गया। आज मुख्यमंत्री खिजुरिया मैदान में आपकी योजना,आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।

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Dec 02 2023, 13:13

मधुपुर प्रखंड और देवीपुर प्रखंड के बुढ़ई पहाड़ में लगा नवान्न मेला श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब

देवघर। जिला के मधुपुर प्रखंड और देवीपुर प्रखंड के बुढ़ई पहाड़ में इन दिनों नवान्न मेला लगा हुआ है। बुढ़ई मेला देखने के लिए लोगों का जन सैलाब उमड़ पड़ा है । आप तस्वीरों के जरिए देख सकते है।किस तरह आस्था और उमंग उल्लास का विहंगम दृश्य बुढ़ई पहाड़ पर देखने को मिल रहा है।नवान्न मेला के मौके पर बुढ़ई पहाड़ पर विराजमन माता बुढ़ेश्वरी मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं पूजा अर्चना भी कर रहे है। 

बुढ़ई नवान्न मेला देखने झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल से हजारों पुरुष, महिलाएं, युवक, युवतियां, बच्चे, और बुढ़े आए।मेला में लोगों ने खाने पीने के साथ मंनोरंजन का भी भरपूर आनंद उठाया। यहां लोगो के मनोरंजन के लिए तारामची, मौत का कुंआ सहित कई चीजे लगी हुई है।

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Nov 04 2023, 13:58

देवघर के पुराने सदर अस्पताल में आज झारखंड कल्याण परिषद अंधापन नियंत्रण समिति के सहयोग से मोतियाबिंद का फ्री ऑपरेशन


देवघर : झारखंड कल्याण परिषद अंधापन नियंत्रण समिति के सहयोग से जिले के पुराना सदर अस्पताल में मोतियाबिंद का फ्री में जांच व ऑपरेशन किया जायेगा. शुक्रवार को पुराना सदर अस्पताल के नेत्र वार्ड में इसका विधिवत उदघाटन सीएस डॉ रंजन सिन्हा एवं एसीएमओ डॉ सीके साही ने किया. 

बताया गया कि इस शिविर में मुजफ्फरपुर के प्रसिद्ध नेत्र विशेषज्ञ डॉ पवन कुमार द्वारा ऑपरेशन किया जायेगा. शिविर के माध्यम से इस वर्ष चार हजार लोगों का ऑपरेशन करने का लक्ष्य रखा गया है. 

वहीं आंख की जांच आदि से लेकर निबंधन व ऑपरेशन तक की प्रक्रिया पूरी तरह से नि:शुल्क है. जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा संस्था को भवन, सफाई, बिजली, पानी आदि की सुविधा मुहैया करायी जा रही है. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए संस्था के सचिव कमलेश्वर झा, अध्यक्ष नरेंद्र झा, कोषाध्यक्ष अनिल वर्णवाल, रामदेव वर्णवाल, विष्णु कुंअर, सुजीत दुबे, नीतू सिन्हा, रुबि वर्णवाल, गुड़िया कुमारी, विकास राउत, शैलेश झा, भोला वर्मा आदि लगे हुए हैं.

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Oct 30 2023, 12:46

देवघर में इनकम टैक्स विभाग का चल रहा रेड,एक साथ कारोबारी और नेता समेत कुछ अधिकारियों के यहां छापामारी


देवघर में इनकम टैक्स विभाग ने कई कारोबारियों के यहां छापामारी की है। जिसमे पूर्व मेयर सहित देवघर में जमीन कारोबारी बृजेश राय शामिल हैं।

बृजेश राय के जसीडीह स्थित तीन ठिकाने सियाराम हॉस्पिटल, संत फ्रांसिस हॉस्पिटल वाली गली स्थित बृजेश राय के आवास और उसके सिमरिया स्थित आवास पर इनकम टैक्स की टीम छापेमारी कर रही है। 

वहीं इसी मामले में देवघर निगम के पूर्व मेयर राजनारायण खवाड़े उर्फ बबलू खवाड़े, उनके सहयोगी रहे उमाशंकर सिंह, रियल एस्टेट कारोबारी संजय मालवीय के कई ठिकानों पर भी रेड जारी है। 

बबलू खवाड़े के रितिक राज होटल सहित अन्य ठिकाने भी शामिल हैं। संजय मालवीय के होटल अंजुला मेंशन उनके अपार्टमेंट पर रेड जारी है।

झमुमो नेता और कुछ अधिकारियों के यहां बाबू छापा

इस कार्रवाई को इनकम टैक्स पटना और धनबाद की टीम लीड कर रही है। कोलकाता के सीए माखन सतनालीवाला के महेश मिश्रा के आवास बंपास टाउन में भी रेड चल रही है। गोड्डा के कॉन्ट्रेक्टर मुकेश बजाज के आवास पर भी छापेमारी चल रही है। गोड्डा में मुकेश के आवास के अलावा उसके अन्य दुकान में भी छापेमारी के लिए टीम पहुंची है। 

झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता नंदकिशोर दास के यहां भी छापेमारी चल रही है। 

इसके अलावा कोलकाता में बालानन्द आश्रम से जुड़े 10 ठिकानों के अलावा बालानन्द ट्रस्ट के दुर्गापुर स्थित कैंसर हॉस्पिटल में भी एक साथ छापेमारी चल रही है।

योगेंद्र तिवारी ने किए थे खुलासे

बताया जाता है कि ईडी की रिमांड अवधि में योगेंद्र तिवारी से पूछताछ के दौरान जो सूचनाएं मिल रही हैं, उसी के आधार पर उनसे जुड़े लोगों के यहां इनकम टैक्स की रेड चल रही है. इनकम टैक्स के इस रेड को योगेंद्र तिवारी से भी जोड़कर देखा जा रहा है। बता दें कि देवघर के नौलखा स्थित चारु शीला ट्रस्ट की जमीन और फाइलेरिया कोठी के पास की जमीन के अलावा शराब कारोबार से जुड़े लोगों के यहां यह रेड चल रही है। जिसमें करोड़ों रुपए के लेनदेन हुए हैं। यदि इनकम टैक्स की रेड में अधिक अवैध ट्रांजैक्शन का पता चला तो बाद में इसे ईडी भी टेक ओवर कर सकती है।

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Oct 12 2023, 11:09

*देवघर: मैट्रिक व इंटरमीडिएट साइंस, आर्ट्स व कॉमर्स की परीक्षा में जिले में टॉप थ्री रैंक हासिल करने वाले छात्र-छात्राओं को किया जाएगा सम्मानित*

देवघर: झारखंड अधिविद्य परिषद द्वारा आयोजित मैट्रिक व इंटरमीडिएट साइंस, आर्ट्स व कॉमर्स की परीक्षा में जिले में टॉप थ्री रैंक हासिल करने वाले छात्र-छात्राओं को गुरुवार को डायट जसीडीह में आयोजित टीएलएम मेला में सम्मानित किया जायेगा.

 सम्मानित होने वालों में मैट्रिक की परीक्षा में अव्वल खुशी साह कसेरा, हिमांशु शेखर कुमार व स्नेहा दास हैं. इंटरमीडिएट साइंस संकाय में ऋतुराज, आयुष कुमार व कुंदन कुमार, ऑर्ट्स संकाय में खुशी कुमारी, रीना मंडल व बबलू यादव, कॉमर्स संकाय में रिशु कुमार, खुशी कुमारी व रजनी भारती शामिल हैं. डायट जसीडीह के प्राचार्य सह एजुकेशन एसडीओ के द्वारा इस संबंध में पत्र जारी कर संबंधित स्कूलों के प्रधानाध्यापकों, प्रभारी प्रधानाध्यापकों व प्राचार्यों को आवश्यक निर्देश दिया गया है.

Deoghar

Sep 30 2023, 11:53

धरोहर : देवघर पत्थर माफियाओं के कारण मधुपुर के बकुलिया झरना का अस्तित्व खतरे में,इसे बचाने के लिए दर्जनों गांव के लोगों ने किया था आंदोलन

देवघर, (झा.डेस्क )मधुपुर में स्थित बकुलिया झरना पहले लोगों के आकर्षण का केंद्र था। यहां फिल्मों की शूटिंग भी होती थी। बाद में पत्थर माफियाओं की वजह से इसका अस्तित्व खतरे में पड़ गया।

इसकी दुर्दशा देख आसपास के गांवों के लोगों ने एक बड़ा आंदोलन चला कर इस झरने का अस्तित्व बचाया।

झरना को बचाने के लिए संकल्प को दुहराया

माफियाओं द्वारा बकुलिया झरना के आसपास लगातार डायनामाइट लगाकर पत्थर तोड़े जा रहे थे। ट्रैक्टर और ट्रालियों में भरकर उन पत्थरों को अन्यत्र ले जाया जा रहा था। आसपास के जंगल गायब हो चुके थे। सारे पेड़ काट डाले गए। इस झरना की यह स्थिति यहां के सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. उत्तम पीयूष से देखी नहीं गई। उन्होंने इसे बचाने की ठान ली। उन्होंने नवंबर 2008 में बकुलिया झरना को बचाने के लिए लोगों को जागरूक करने का प्रयास शुरू किया। उनका यह प्रयास सफल हो गया। लगभग एक दर्जन गांवों के लोगों ने एकत्रित होकर बड़ी मानव श्रृंखला निकाली।

 इसमें बुजुर्ग, महिलाएं, युवा और बच्चों समेत सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए। यहां के बुद्धिजीवी, पर्यावरणविद्, सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा पत्रकारों ने भी इनका साथ दिया। आखिरकार आंदोलन ने रंग लाया। मधुपुर में हर खास और आम लोगों में चर्चा हुई। लोगों ने आंदोलन को अपना समर्थन दिया। जो बकुलिया झरना लुट रहा था, तबाह और बर्बाद हो रहा था वहां पत्थर कटना बंद हो गया और वहां लगातार जन सक्रियता बढ़ने लगी। 

12 जनवरी 2010 को बकुलिया झरना के पास ‘बकुलिया उत्सव’ मनाया गया। जल पुरुष राजेन्द्र सिंह द्वारा प्रेषित जल संकल्प को सबों के द्वारा पढ़ा गया। सबों ने बकुलिया झरना को बचाने के संकल्प को दुहराया। ग्रामीणों का उत्साह और बढ़ गया। स्थानीय युवाओं की आंखों में नई उम्मीदें जग गईं।

आखिरकार मदद के लिए सरकार आई आगे

प्रख्यात लेखिका महाश्वेता देवी, साहित्यकार बासवी, महुआ माजी सहित कई लेखकों, पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं पर्यावरणविदों के प्रोत्साहन से बकुलिया झरना को बचाने और संवारने का आंदोलन डॉ. उत्तम पीयूष के नेतृत्व में लगभग एक दशक तक चलता रहा। सेमिनार, संगोष्ठी, मोटरसाइकिल रैली के जरिए जनजागरण किया जाता रहा। आखिरकार झारखंड सरकार ने बकुलिया झरना के विकास के लिए एक करोड़ रुपए आवंटित किए जिससे यहां एक पक्की सड़क, एक यात्री विश्राम गृह, बैठने के लिए शेड, चापाकल, महिला तथा पुरुष टॉयलेट आदि का निर्माण कराया जा सका।

मधुपुर-गिरिडीह मुख्य पथ के पास है बकुलिया झरना

देवघर जिला मुख्यालय से 32 किलोमीटर दूरी पर अब बकुलिया झरना पिकनिक स्पॉट के रूप में चर्चित है। मधुपुर-गिरिडीह मुख्य मार्ग पर बड़ा नारायणपुर से बुढ़ई की ओर एक सड़क सलैया जाती है। इसी सड़क के किनारे बकुलिया झरना है।